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जीने की हसरत है

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नहीं सीने में दिल फ़िर भी मुझे जीने की हसरत है,

अजब है ये हुई भी चोर-ए-दिल से ही यूँ चाहत है।

यूँ आँखें मूंद कर सब पर यकीं कर लेती हूँ अक्सर,

मिले धोखा तो कह देती यही तो मेरी किस्मत है।

हूँ बर्दाश्त के क़ाबिल, मुश्किलें यूँ मुझ पे आती हैं,

यक़ीनन हूँ नज़र में मौला की ये उसकी रहमत है।

ये ना समझो कि कोई ग़म नहीं होता है मुझ को भी,

छुपाना दर्द को अब बन गई मेरी भी आदत है।

अदा ‘ज़ोया’ न कर पाओ नमाज़, करना मदद सबकी 

समझ लेना ख़ुदा की कर ली तूने वो इबादत है।

Copyright © 2022 Jalpa lalani ‘Zoya’

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ईद मुबारक

दुआ करो कि हर इंसान को समझ आए इंसानियत,
ऐ मौला! तेरे हर बंदे की ज़बाँ में आ जाए तहज़ीब।

अहल-ए-जहाँ में छाए प्यार, मोहब्बत की नजाकत,
एक बार फिर से कुदरत की प्रकृति बन जाए जन्नत।

दुआओं की हो इतनी असर कि बदल जाये किस्मत,
हर दुआ क़ुबूल हो…. जिसने दिल से की हो इबादत।

सबको ख़ुशी मिले और पूरी हो जाए हर नेक हसरत,
ए ख़ुदा! इस ईद में मिटा दे सबके बीच है जो नफ़रत।

या अल्लाह! कोई गुमराह न हो करदे तू ऐसी हिदायत,
नमाज़ अदा करें शिद्दत से…मुश्किलों से पाले निजात।

आप सभी को ईद मुबारक🌙🌠

© Jalpa lalani ‘Zoya’ (स्वरचित)

सर्वाधिकार सुरक्षित

शुक्रिया😊

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मुश्किल हो सकता है

बेशक अकेले चलना मुश्किल हो सकता है
लेकिन इस भीड़ में साथ चलने वाला है कौन?

बेशक सच बोलना मुश्किल हो सकता है
लेकिन झूठ बोलने से आगे निकल पाया है कौन?

बेशक दुःख में हंसना मुश्किल हो सकता है
लेकिन खुशी में खुलकर हँसने वाला है कौन?

बेशक दुश्मन से लड़ना मुश्किल हो सकता है
लेकिन लड़ाई में साथ देने वाला दोस्त है कौन?

बेशक किसी को खोना मुश्किल हो सकता है
लेकिन साथ होने के बावजूद यहाँ साथ है कौन?

बेशक सपने को साकार करना मुश्किल हो सकता है
लेकिन बिना सपनों के यहाँ सोता है कौन?

बेशक किसी को माफ करना मुश्किल हो सकता है
लेकिन बदला लेके यहाँ जीत पाया है कौन?

बेशक मंजिल तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है
लेकिन यहाँ आसानी से महान बन पाया है कौन?

बेशक जीवन की पहेली हल करना मुश्किल हो सकता है
लेकिन अंत से पहले इस पहेली को हल कर पाया है कौन?

© Jalpa lalani ‘Zoya’ (स्वरचित)

सर्वाधिकार सुरक्षित

धन्यवाद।

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कली से फूल

एक माली ने बोया है एक बीज मिट्टी में 

एक तरफ़ एक बीज पनप रहा है माँ की गोद में। 

दिन-रात की मेहनत से बीज डाली बन जाता है 

माँ की कोख़ में पोषित होकर वह बीज भी बच्चे का स्वरूप लेता है। 

एक दिन सूरज की किरणों से डाली पर कली निकल आती है 

एक प्यार की निशानी पिता की परछाई से एक बच्ची जन्म लेती है। 

कली खिलते ही पहली बार रंग-बिरंगी दुनिया देखती है 

नन्ही सी बच्ची मुस्काते हुए माँ की गोद में खिलखिलाती है। 

खुश्बू कली की फैल कर पूरी बगिया महकाती हैं

मंद-मंद किलकारियों से घर की दीवारें गूंज आती हैं। 

देखते ही देखते एक दिन कली फूल बन जाती है 

नन्ही सी बच्ची खेलकुद कर पढ़-लिख कर एक दिन शबाब कहलाती है। 

फूल की सुंदरता को देख सब उसकी और खिंचे चले आते हैं

यौवन की खूबसूरती देख हर कोई आकर्षित हो जाते हैं।

मानव फूल को तोड़कर, कोमल पंखुड़िया मसल कर फेंक देता है 

घर की प्यारी को उठाकर, सौंदर्य को अभिशाप में बदल देता है। 

फूलों को बगिया में रहने दे उसकी जगह ईश्वर के चरणों में हैं

है मानव, गर लक्ष्मी इतनी प्यारी है तो हर नारी की जगह मंदिर में हैं।

© Jalpa lalani ‘Zoya’ (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Note: यह रचना पब्लिश हो चुकी है। यह रचना कॉपीराइट के अंतर्गत है।

शुक्रिया।

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कोशिश की जाए

कुछ ना करने से बेहतर है थोड़ी सी कोशिश की जाए
धर्म निभाते तंगदस्त को थोड़ी सी बख़्शिश दी जाए

ज़्यादा पाने की चाह में जो पास है उसे ना खो देना
आँख बंद करके सही ख़ुद से कुछ ख़्वाहिश की जाए

थोड़ी ज़्यादा मशक्कत करने से मुक़ाम ज़रूर पायेगा
नई शुरुआत से पहले बड़ो की दुआ, आशीष ली जाए।

© Jalpa lalani ‘Zoya’

शुक्रिया।

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आगाज़-ए-शायरी(शेर-ओ-शायरी)

यकीन है खुदा पर तभी इम्तिहान ले रहा है मेरा

दर्द दे कर रुलाता है, फ़िर हँसाता भी है

बार बार गिराता है, फ़िर उठाता भी है

मैं भी देखती हूँ कि दर्द जीतता है या यकीन मेरा।

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लोग हमे पागल समझते है, हमारी हँसी को देखकर

अब उन्हें क्या पता इस हँसी के पीछे रखते है कितने दर्द छिपाकर।

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जिन आँखों में गहरा झील बसता था

जिंदगी ने है इतना रुलाया

सूख गया है ग़म-ए-समंदर

अब तो अश्क़ भी नहीं गिरता।

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उसने कहा दवाई ले लो ताकि दिल का दर्द कम हो

अब उन्हें कैसे कहे कि दिल के हक़ीम ही तुम हो।

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शेरो-शायरी लिखना हमें कहा आता है

ये तो दिल के एहसास है जो उभर आते है।

© Jalpa lalani ‘Zoya’

शुक्रिया।

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Motivational quotes

Jealousy doesn’t burn a human being but it burns a human soul.

★★★★★★★★★★★★★★★

Your courage brings you out of your dark days.

★★★★★★★★★★★★★★★

I admire the courage of those who come out of every storm of life despite physical defect.

★★★★★★★★★★★★★★★

Being romantic is not just a physical love, but it is about caring and making your partner happy.

★★★★★★★★★★★★★★★

The aroma of books still reminds me of my childhood.

© Jalpa lalani ‘Zoya’

Thanks for reading!

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मैं एक पिता हूँ

हाँ! मैं एक पिता हूँ, बाहर से दिखता बहुत सख़्त हूँ
मगर बच्चों की आँख में आँसू देखकर टूट जाता हूँ

हाँ! फ़ोन पर ज़्यादा किसीसे बात नहीं करता हूँ
मगर दिल में सबके लिए एहसास मैं भी रखता हूँ

सबकी मन मर्जी करने नहीं देता, टोकता बहुत हूँ
मगर बच्चों की बेहतरी के लिए ही ये सब करता हूँ

हाँ! जब याद आए बेटी की तो जताता नहीं हूँ
मगर कभी रात के अँधेरे में मैं अकेला रो लेता हूँ

सब कहते है मैं सिर्फ़ अपने लिए ये सब करता हूँ
मगर ज़िम्मेदारियों से कभी मैं भी तो थक जाता हूँ

मेरे जाने के बाद कभी मेरी कमी खलने नहीं देता हूँ
ये एहसान नहीं है, फ़र्ज़ है मेरा क्योंकि मैं एक पिता हूँ।

~Jalpa lalani ‘Zoya’

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क्यों जा रहे हो?

ज़िंदगी की जंग से हार कर यूँ मुँह मोड़कर तुम क्यों जा रहे हो?
अँधेरे में जाकर अपने ही अक्स को ख़ुद से क्यों छुपा रहे हो?

दुनिया की भीड़ से दूर सारे बंधन तोड़कर अकेले कहाँ जा रहे हो?
ख़ुद की आँखे बंद करके अपने आपसे ही क्यों नज़रें चुरा रहे हो?

तन्हाई छोड़ इस जहाँ की महफ़िल में तुम अपनी पहचान बनाओ
अँधेरे रास्ते की वीरानगी में उम्मीद की लौ से तुम रोशनी जलाओ

आँखों में है जो अधूरे ख़्वाब मुकम्मल करके उसे हकीकत बनालो
अपनो के साथ मिलकर बेरंग ज़िंदगी में खुशियों के रंग तुम भरलो।

~Jalpa ‘Zoya’

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निर्दोष जीव

एक निर्दोष जीव भटक गया था रास्ता, जंगल के पास दिखा उसे एक गाँव
इधर-उधर भटक रहा भूखा-प्यासा, इंसानो को देख जगी उसे एक आशा

मन मे सोचा इंसान में होती है मानवता, क्या पता था इंसान के रुप में था दरिंदा
क्यों खिलाया भूखे जीव को विस्फोटक अनानास, कहाँ गई थी इंसान की इंसानियत

पेट की आग तो न बुझी उसकी, पर उस विस्फोटक ने हथनी का मुंह दिया जला
अपनी फ़िक्र नहीं थी उस माँ को, फ़िक्र थी उसे जो पेट में पल रहा था एक बच्चा

हो गई थी ज़ख्मी फिर भी थी उसमें दया नहीं किया उसके हत्यारों का कोई नुकसान
उन हैवानों को जरा भी रहम नहीं आया, जो दो बेजुबानों की बेरहमी से ले ली जान

सिर्फ भूखी थी माँ और आख़िर क्या कुसूर था उसका जो अभी तक जन्मा नहीं था
ऐसे क्रूर कृत्य से किसीकी भी रूह काँप जाए, पर वो हत्यारे तो हुए भी नहीं शर्मसार

धीरे-धीरे विनाश हो रहा है सृष्टि का, इंसान क्यों नहीं समझ रहे है ईश्वर का इशारा
ऐ ईश्वर! दे मुझे एक जवाब, ऐसे हैवानों के कृत्यों की निर्दोष जीव क्यों भुगतें सजा?

~Jalpa ‘Zoya’

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World Environment Day

We are all seeing that there is a lot of change in the environment nowadays. The reason for this is ourselves. We should be more conscious of this and protect the environment. No one can do this alone, we have to do it together and make others aware too and join together. We are also realizing that we are getting natural disasters as a result of playing with nature. God is also angry with us. Now we have to improve the environment together.

~Jalpa ‘Zoya’

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“माँ अनमोल है” 

कहते है हर एक के जीवन में कोई न कोई प्रेरणा बनकर आता है 

पिता, माँ, भाई, बहन, दोस्त, सेलेब्रिटी, या फ़िर कोई अजनबी 

वैसे ही मेरे जीवन में मेरी प्रेरणा बनी मेरी माँ। 

बचपन से देखती आ रही हूँ तब समझ थोड़ी कम थी 

आज समझ में आया माँ के अंदर कितनी ख़ासियत थी। 

माँ की दिनचर्या सुबह के पहले पहर से शुरू हो जाती 

सर्दी हो या गर्मी पहले घर का आँगन साफ़ करती। 

नाहकर प्रभु का ध्यान धरती, घर मे भी साड़ी पहनती 

उनकी वो बिंदी, वो चूड़िया, आँखों का वो सूरमा 

हमारे उठने तक तो चाय-नास्ता भी बन जाता। 

मेरे भी थे अरमान माँ के जैसा पहनावा मैं भी पहनूँगी 

बड़ी हो कर कुछ अवसर पर भी बड़ी जहमत से सब संभाल पाती। 

कैसे कर लेती थी माँ ये सब पहनकर भी घर का सारा काम 

सबकी जरूरते पहले पूरी करती अपना ख़ुद का कहा था उसको ध्यान। 

एक तो घर का काम, फ़िर बाहर पानी भरने जाना 

क्या इतना कम था कि मंदिर में भी करती थी समाज सेवा। 

कहाँ से मिलता था इतना समय, आज सब सुख-सुविधा 

के बावजूद भी हम कहते है समय कहाँ है हमारे पास। 

हमें पढ़ाना-लिखाना, तैयार करके पाठशाला भेजना 

सब की पसंद का खाना बनाना 

जितना लिखूं उतना कम पड जाए 

शायद माँ पर लिखने के लिए दुनिया के सारे कागज़ भी कम पड़ जाए। 

खाना पकाना सिखाती, तमीज़ से बात करना सिखाती 

घर के सारे काम से लेकर बाहर की दुनिया का ज्ञान भी देती। 

रात को बिना भूले दूध देती कभी मना करे तो डांट कर भी पिलाती 

पूरे दिन का हाल बतियाती, बड़े प्यार से साथ में सुलाती। 

सब के सोने के बाद आख़िर में वो सोती सर्दी में आधी 

रात में अपना कम्बल भी हम बच्चों को ओढ़ाती। 

फ़िर भी सुबह पहेले उठ जाती, आज तक नहीं पूछा, 

आज पूछती हूँ ऐ माँ ! क्या तुम थक नहीं जाती? 

बताओ ना माँ, क्या तुम थक नहीं जाती? 

हमें साफ सुथरा रखना, खाना खिलाना, दूध देना 

पढ़ाना, हमारे साथ खेलना नित्यक्रम था उनका। 

पता नही क्या बरकत है उनके हाथों में 

थोड़े में भी कितना चलाती फ़िर भी कभी पेट रहा न हमारा खाली। 

इतनी उम्र में भी आज है वो चुस्त-दुरुस्त आज भी वो कितना काम कर लेती 

फ़िर भी टी. वी. पर अपनी पसंदीदा सीरियल छूट ने नहीं देती। 

मुझे कहती है तू अकेली कितना काम करेगी 

इतनी छोटी उम्र में भी माँ जितना मैं नही कर पाती। 

माँ का कोई मोल नहीं ,माँ तो अनमोल है 

आज मैं जो भी हुँ, जो भी मुझे आता है 

मेरी माँ के दिये संस्कार है, मेरी माँ का दिया प्यार है। 

सब कहते है मैं माँ की परछाईं हूँ 

पर माँ मैं तेरे तोले कभी ना आ पाऊँगी 

मेरी माँ मेरी प्रेरणा है, मेरी माँ मेरे लिये भगवान है। 

बस इतना ही कहना चाहूँगी 

अब अपने आँसुओं को रोक ना पाऊँगी 

इसके आगे अब लिख ना पाऊँगी…. 

इसके आगे अब लिख ना पाऊँगी…. 

~Jalpa

Posted in #English, #Quotes, #Thoughts

Inspirational Quotes

You need patience and hard work to achieve your goal. Stay away whatever negativity comes to achieve your goal.

★★★★★★★★★★★★★★★

Let’s raise awareness. The more we know, the more we reduce risk. 

Let’s make the world cancer free,

Let’s make history.

★★★★★★★★★★★★★★★

Don’t worry about fear

It’s not severe

Turn fear into more power

Love fear, make it dear.

★★★★★★★★★★★★★★★

Prevent bad habit and love your good habit more than bad habit, bad habit will go itself.

★★★★★★★★★★★★★★★

Life is also like a movie, but in the movie there is a happy ending, but life’s end is uncertain.

~Jalpa

Posted in #English, #letter, #science

A letter to Mother Earth

As we all know that the burden on our earth is increasing. And nature is going towards destruction. All the natural resources of the earth are slowly disappearing. We should pay more attention to it. So today on Earth Day I have written a letter to our mother earth.

Dear, Mother Earth

Every New Year everyone makes a resolution. This year we have all taken a lesson of playing with nature.
Now we all take a pledge this year
that we will protect you.
So far, we humans regret whatever we did to you.
please, mother earth forgive all of us.

~Jalpa

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पावन धरती

सुनो मानव! कुदरत ने पावन धरती सभी जीवों के लिए दी है
धरती पर पाप बहुत बढ़ गए है, ये उसका नतीजा आज मिला है

प्रकृति से जो खिलवाड़ किया है, अब कुदरत नाराज़ हुआ है
बर्बादी अभी कम ही हुई है, ईश्वर ने सबको किया आगाह है

अहम अपना छोड़ो मानव, प्रकृति की नाराज़गी अभी जारी है
अभी भी वक़्त है संभल जाओ, वरना अब हमारी बारी आनी है

इंसान भूल गया इंसानियत है, जानवरों ने इंसानियत सिख ली है
प्रलय आ रहा किस्तों में है, कही प्रकृति अपना आँचल खींच न ले।

~Jalpa

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मंजिल

आज देखो पूरी दुनिया की मंजिल एक हुई है

घर में रहकर भी दुनिया एक रास्ते पर चल रही है

हर देश कोरोना पर जीत हासिल करना चाहता है

सब दुआ में हाथ उठाकर एक ही दुआ मांग रहे है

हम सबका हौसला ही बना आज हमारा सहारा है

रखना है हमें सब्र साथ में ख़ुदा की रहमत भी तो है

धीरे-धीरे करके रास्ता ख़तम होगा और मंजिल पाएंगे

यह मत भूलना सफ़र में कुछ सबक हमें सीखना है।

~ Jalpa

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चल रहे हालात

सोचा चल रहे हालात का कुछ बयां लिखूँ

सामाजिक दूरी या परिवार की नजदीकी लिखूँ

सुनसान रास्ते या धरती को मिला सुकूँ लिखूं

पिंजरे में बंध इंसान या आज़ाद उड़ता पंछी लिखूँ

वीरान मंज़र या चलते मजदूर की कतार लिखूँ

रद्द हुई परीक्षा या ज़िन्दगी में आया इम्तहान लिखूँ

कोरोना के साथ जंग या भूखे पेट की तलब लिखूँ

ठहरी ज़िन्दगी या मौत और ज़िन्दगी में छिड़ी जंग लिखूँ

हिन्दुस्तान पर ताला या खींची हुई लक्ष्मण रेखा लिखूँ

पशुओं पर अत्याचार या इंसान का इंसान पर वार लिखूँ

कुदरत के साथ खिलवाड़ या रक्षकों का बखान लिखूँ

सोचा चल रहे हालात का कागज़ पर कुछ बयां लिखूँ।

~ Jalpa

Posted in #poetry

खतरे में अस्तित्व

ऐ इंसान! तूने खूबसूरत सी धरा को, बदसूरत है कर डाला

बेजुबां जानवरों पर अत्याचार करने का, मिला है यह नतीजा

यह वहीं सृष्टि है जहाँ साथ रहकर भी, करते थे आपस में झगड़ा

आज देखो दूर रहकर भी, हुआ है एकजुट संसार सारा

हर जीव में है आत्मा बसती, कर रहा है यही कुदरत इशारा

सर झुका दे कुदरत के आगे, लेना है तुझे अब उसका सहारा

देख ए इंसान अभी भी वक़्त है तेरे पास, तू संभल जा जरा

वरना और भी खतरे में, पड़ सकता है अस्तित्व हमारा

जब तक न हो इसका समाधान, बस घर में ही बैठे रहना

इस तरह ही हमारे अस्तित्व को, ख़ुद हमें बचना होगा।

~ Jalpa

Posted in #poetry

मेरी कविता

कविता पर लिख रही हूँ आज मैं कविता 
कविता पर लिख रही हूँ आज मैं कविता 

मेरी कविता में सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नही है 
मैंने बयां किया है मेरा हाल-ए-दिल है 
मेरी कविता में सिर्फ़ पंक्तियां नही है 
मैंने महसूस की हुई एक अनुभूति है 

मेरी कविता में सिर्फ़ संसार का अनुभव नही है 
मेरी ख़ुद की जिंदगी का लिखा मैंने तज़ुर्बा है 
मेरी कविता सिर्फ़ एक कल्पना नही है 
मेरी कविता हर एक मर्ज़ की दवा है 

मेरी कविता सिर्फ़ दुनयावी सौंदर्य नही दिखाती 
प्रकृति से प्रेम, दया, और करुणा है सिखाती 
मेरी कविता सिर्फ़ एक कहानी नही है 
मेरी कविता में बसा मेरा अनुराग है 

मेरी कविता में सिर्फ़ कड़ियाँ नही है 
मेरी कविता जैसे बजती एक तरंग है 
मेरी कविता में सिर्फ़ लय, छंद नही है 
मेरी कविता माँ सरस्वती की प्रेरणा से है। 

~ Jalpa

Posted in #poetry, #science

Social distancing

A subtle virus deserted

the whole world

All roads are empty, 

lockdown all schools and malls

Do not gather together

But not to worry

do appreciate each other

It’s time to come closer

Stay indoors but it’s not 

about social distancing

Enjoy all family member’s

Love and make it interesting

Keep personal hygiene

Pay more attention

Wash your hands 

Wear mask on face

But spread affection

Eat healthy food

Cook with your partner

Have fresh meal 

on table together

Do work from home

But don’t let 

society distance

Don’t panic over condition

but Don’t forget 

about your safety

Awake all the people

Around you seriously

Remember that prevention

Is better than cure

But it’s not just a quote

Don’t fear of the 

Corona pandemic 

Just be strong.

~ Jalpa

Posted in #English, #poetry

” A Fear “

I had a fear of School

Have to follow list of rules.

I had a fear of Elder’s fight

When I was a child.

I had a fear of Alarm

During the time of my exams.

I had a fear to feel Unsafe

Keep the world away myself.

I had a fear to Travel

Of motion sickness little.

I had a fear of telling the Truth

Because would be fool in group.

I had a fear of Marriage

For leaving all family members.

I had a fear of Beating

By angry husband’s bad dealing.

I had a fear of Divorce

For prestige loss, by family’s force.

I had a fear of losing People

When lost my sister, feel pain of heart deeper.

I had a fear about my Health

Some suspicion seen in X-ray Itself.

No need to worry about of Fear

Have to fight against it’s not Severe.

Turn your fear into more Power

Love your fear, make it your Dear.

~ Jalpa

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My favourite colour

My favourite colour is white 

Because when I feel dark, it gives me light.

My favourite colour is blue

Because when I feel down, it reminds my value.

My favourite colour is green

Because when I feel old, it keeps me sweet sixteen.

My favourite colour is yellow

Because when I feel alone, it connects me with good fellows.

My favourite colour is pink

Because when I start to drown my mind, it becomes my brink.

My favourite colour is red

Because it keeps my worth alive, when my self love fade.

My favourite colour is black

Because when I go to my dark days, it brings me back.

You should love all the colours

Because they never let your life become colourless.

© 2020 Jalpa lalani ‘Zoya’ All rights reserved.

Thank you for reaching!

Posted in हिंदी, हिन्दी कविता, blog

क्यों?

सहनशीलता पत्नी की ऐसी सीता सी तू
फ़िर दहेज की लालच में तुझे दुत्कारते हैं क्यों?

त्याग प्रेयसी का ऐसी राधा सी तू
फ़िर अपमानित की जाती है हर जगह क्यों?

सुंदरता स्त्री की ऐसी अहल्या सी तू
फ़िर एसिड से तेरी सुंदरता को नष्ट करते हैं क्यों?

पावनता पौधे की ऐसी तुलसी सी तू
फ़िर भ्रूण में तेरी हत्या की जाती हैं क्यों?

कोमलता फूल की ऐसी गुलाब सी तू
फ़िर जिंदा तुझे जलाया जाता हैं क्यों?

पवित्रता नदी की ऐसी गंगा सी तू
फ़िर तेरे चरित्र पर लांछन लगाया जाता हैं क्यों?

रस भक्ति का ऐसी मीरा सी तू
फ़िर लड़ती जब न्याय को तो आवाज़ दबाई जाती हैं क्यों?

पतिव्रता अर्धांगिनी की ऐसी उर्मिला सी तू
फ़िर आज भी सुरक्षित नहीं है नारी, आप ही बताए क्यों?

© Jalpa lalani ‘Zoya’ (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Note: यह रचना प्रकाशित हो चुकी है और कॉपीराइट के अंतर्गत आती है।

धन्यवाद।

Posted in blog, Englishpoem, Poetry, women's Day

The Lady Leader

Yes! I am the leader,

I climbed difficult steps of a ladder.

Faced Ignorance, Gained Tolerance,

Never gave up by performance.

Stayed with strangers without any honour,

With smile on face, no time for mirror.

Surrendered my body, even my soul,

But underestimated my whole role.

Made up my mind for taking a decision,

Not to allow revision, keep doing supervision.

Known by my personality,

Increase my inner quality.

Have to cross road without feeling loss,

Raise your voice, Be your own boss.

Hey! Lady! You are the boss,

Get up! And come across

© Jalpa lalani ‘Zoya’

© copyright 2020 Jalpa lalani ‘Zoya’

Thank you!

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कल हो न हो

आज बरसों बाद फ़िर से वो दिन आया था, 

मेरी दोस्त ने मिलने का आयोजन बनाया था। 

खो गये थे वक़्त के भवँर में दोनों, 

जब मिले भाव-विभोर बन गए दोनों। 

ये एक दिन सिर्फ़ हमारी दोस्ती के नाम, 

पूरे करने है वो सारे अधूरे अरमान। 

फ़िर क्या पता कल हो न हो….. 

आहना के साथ शुरू हुआ सुन्दर दिन हमारा, 

अभी तो साथ बिताना है दिन सारा। 

अभी भी था उसमें वहीं बचपना, 

ज़िद थी उसकी मेरे हाथ का खाना। 

अब जल्दी तैयार हो बाज़ार भी है जाना, 

उसका हमेशा से था हर बात में देरी करना। 

ये लेना है, वो लेना है करते करते पूरा बाज़ार घूम लिया, 

फ़िर भी मैं खुश थी ना जाने फ़िर कब मिले ये खुशफहमिया। 

फ़िर क्या पता कल हो न हो….. 

अब कितनी करनी है ख़रीदारी मुझे भूख लगी है भारी, 

क्या पता था एक दिन यही बातें, यादें बनेगी सुनहरी। 

अभी तो कितने ईरादे है, है कितनी ख्वाहिशें, 

आज पूरी करनी है मेरी दोस्त की हर फ़रमाइशें। 

पहली बार सिनेमा देखने गये साथ, 

इतने सालों बाद आज पूरी हुई हसरत। 

फ़िर क्या पता कल हो ना हो….. 

वो साम भी कितनी हसीन थी 

दोस्त के साथ समुद्र की लहरे थी

फ़िर से बच्चे बन गये थे फ़िर से रेत में घर बनाये थे 

फ़िर से कागज़ की कश्ती बहाई थी। 

उफ्फ़! ये रात को भी इतनी जल्दि आना था, 

दोनों को अपने अपने घर वापस भी तो जाना था। 

नहीं भूल पाएंगे वो पल, वो एक दिन को, 

साथ ख़ूब हँसे दोनों, भेट कर रो भी लिए दोनों। 

फ़िर क्या पता कल हो न हो….. 

© Jalpa lalani ‘Zoya’ (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Note: यह रचना प्रकाशित हो चुकी है और कॉपीराइट के अंतर्गत आती है।

शुक्रिया।