कुछ डायरी के पन्ने भरेंगे इस साल में
पिछले बरस कई कोरे कागज़ छूट गए थे।
अब के बरस दिल के जज़्बात को बयां करना है कलम से
पिछले साल तो स्याही ही ख़त्म थी कलम में।
नये साल में कुछ नये दोस्त बन गए हैं
तो पिछले बरस के दोस्तों से कभी कभी बातें होती है।
कुछ दर्द चिल्ला उठे थे पिछले बरस में
अबके साल खुशियों की कविताएँ गाएंगे।
बहुत कुछ अधूरा रह गया पिछले साल में
बहुत ख्वाहिशें लेके दाखिल हुए हैं इस साल में।
बुरे लम्हे की कड़वी यादों को दफन कर दी है बंजर जमीं में
उन खूबसूरत यादों को जमा कर आए हैं बैंक के खाते में।
पिछले बरस में अब मुड़कर मत देखो
चल पड़ो आगे नया साल सब को मुबारक हो।
© Jalpa lalani ‘Zoya’ (स्वरचित)
सर्वाधिकार सुरक्षित
Happy New Year💝🎉