पलकों के रथ पे सवार होकर, सपनों की बारात आ गई
सितारों की चुनरी ओढ़कर, रात दुल्हन सी सज गई
चाँदनी से सजा आसमाँ का मंडप, हवा बजाये शहनाई
बाराती बन बादल झूम रहे, खुशियों की बौछार है छाई
आफ़ताब से सेहरा हटाकर, उम्मीद की किरण है आई
सुबह का हुआ स्वागत, रात की हो गई फिर बिदाई।
© Jalpa lalani ‘Zoya’
शुक्रिया।
वाह अनुपम भावाभिव्यक्ति👌 रात की सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया🌿🌿
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जी सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका😊
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🙏🙏
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Wow 💙
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Thank you Era💖
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😊😊
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बहुत खूबसूरत अल्फ़ाज़ हैं॰
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जी बहुत शुक्रिया आपका😊
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बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ💕😊
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जी बहुत शुक्रिया😊
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सुंदर उपमा ।👌
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जी धन्यवाद आपका😊
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Beautifully penned
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Thank you so much😊
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😁😁
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Bahut khoob ❤️🌼
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जी बहुत शुक्रिया आपका😊
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Wowww 🤩♥️♥️
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Thanks a lot❤️
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❤️❤️
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❤❤❤❤❤❤❤❤
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Thank you for the lovely hearts 😊
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