किताब-ए-ज़ीस्त के असरार खुल रहे हैं,
हर पन्ने पर कहानी के किरदार बदल रहे हैं।
खुशी की स्याही से लिखी हैं कुछ इबारत,
तो कोई कागज़ गम-ए-हयात से जल रहे हैं।
पीले ज़र्द पन्ने की कोने में पड़ी हैं सिसकती,
राज़ बेपर्दा होते ही हर इक सफ़ा मसल रहे हैं।
© Jalpa lalani ‘Zoya’
शुक्रिया।
So beautiful Zoya
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Thank you😊
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Pleasure 😊
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उम्दा है।
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जी शुक्रिया😊
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वाह, सुभानल्लाह 🌈🌈
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सुभानल्लाह 👌👌
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जी शुक्रिया😊
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🌈🤗🌈
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Urdu poetries are the best. This language is best for to let our emotions flow on paper. 😇♥️🌸🧚♀️
हमने अपने कल्ब की बात पन्नों पर क्या लिखी
ज़माना कहने लगा ” जनाब आप तो शायर बन गए”
Glad to to meet a Urdu shayra here. 😇♥️🌸🧚♀️
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वाह क्या बात है👌 हमें भी आप जैसी बेहतरीन शायरा की रचनाएँ पढ़ने में बेहद खुशी होगी😊❤️
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Then why don’t you visit once.
हमारी कविताओं पर आपके रद अम्मल का इंतज़ार रहेगा😇♥️🌸🧚♀️
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जी फ़ुर्सत मिलते ही ज़रूर पढ़ेंगे😊❤️
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😇♥️🌸🧚♀️
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बहुत सुन्दर रचना ..|
बधाई |
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बहुत बहुत शुक्रिया आपका😊
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