प्रेम रूपी राखी जुड़ी जज़्बात के नाजुक धागे से रेशमी रिश्ते की राखी गुँथी है रक्षा के वचन से स्नेह के बंधन में बांधी गई एक अटूट विश्वास से खट्टी मीठी नोकझोंक से बनी सुनहरे प्यारे रंगों से
बड़े इंतज़ार के बाद घर खुशियां लेके बहन आई कुमकुम, चावल, राखी, मिठाई से थाली सजाई सूनी थी जो,आज चाँद सी चमके भाई की कलाई हरख भाई का दिखे, बहन कुमकुम तिलक लगाई
प्यारी बहना को आज भाई ने दिया अनमोल उपहार दुनिया में सबसे अनोखा है भाई-बहन का प्यार माँ जैसे करती दुलार, बेटी के बिना अधूरा परिवार जग के सारे पर्व में सबसे न्यारा है राखी का त्यौहार।
ईद के मुक्कदस मौके पर, आज तो आकर मिल जाओ है दरमियाँ गिले-शिकवे, आज गले लगाकर भूल जाओ क़ुबूल करके यह रिश्ता, ख़ुदा ने प्यार से इसे है नवाज़ा रिश्ते में है गलतफहमी की दरार, आज इसे सिल जाओ।