यकीन है खुदा पर तभी इम्तिहान ले रहा है मेरा
दर्द दे कर रुलाता है, फ़िर हँसाता भी है
बार बार गिराता है, फ़िर उठाता भी है
मैं भी देखती हूँ कि दर्द जीतता है या यकीन मेरा।
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
लोग हमे पागल समझते है, हमारी हँसी को देखकर
अब उन्हें क्या पता इस हँसी के पीछे रखते है कितने दर्द छिपाकर।
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
जिन आँखों में गहरा झील बसता था
जिंदगी ने है इतना रुलाया
सूख गया है ग़म-ए-समंदर
अब तो अश्क़ भी नहीं गिरता।
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
उसने कहा दवाई ले लो ताकि दिल का दर्द कम हो
अब उन्हें कैसे कहे कि दिल के हक़ीम ही तुम हो।
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
शेरो-शायरी लिखना हमें कहा आता है
ये तो दिल के एहसास है जो उभर आते है।
© Jalpa lalani ‘Zoya’
शुक्रिया।
नहीं आता लिखने तो सीख जाएंगी👌 लिखते रहें। थोड़ी कमियाँ हैं लिखते लिखते सुधार हो जाएंगी।
LikeLiked by 1 person
जी शुक्रिया आपका😊 अगर आपको मुनासिब लगे तो मेरी गलतियों को सुधार सकते है🙏
LikeLiked by 1 person
Nice blog
LikeLiked by 1 person
Thank you!😊
LikeLiked by 1 person
My pleasure, followed you!
LikeLiked by 1 person
Nice 👌
LikeLiked by 1 person
Thank you!😊
LikeLiked by 1 person
Welcome zoya 🙏
LikeLiked by 1 person
गलतियों से डर जाएंगे तो राह नही चल पाएंगे,
डराएगी दुनियाँ बहुत,
अगर नही डरे तो रास्ते स्वयं ही बन जाएंगे।
लिखते रहिये बहुत ही अच्छा लिखते हैं।लाजवाब।👌👌
LikeLiked by 1 person
जी बहुत शुक्रिया आपका😊 बेहतरीन पंक्तियां👌
LikeLike